Wednesday 7 January, 2009

बाबुल तेरा अंगना ............. छूटे ना ..............

बाबुल तेरा अंगना........... छूटे ना............


मत भेजो ना सासरिया ,


अभी तो मुझे रहना हें इस अंगना ,


जिस अंगना , बचपन में झूला ,झुला .........


सहलिया के संग नाचना , गाना , वो हँसी , वो गपशप,


भाई के साथ कितनी ही शर्ते लगा - उसे हराना ,


उसकी चुगली करना..............और आप से डाट लगाना,


वो अंगना अब पराया हो जायगा ............और आप भी माँ


ना मिलेगा वहा माँ के हाथ का खाना ,


ना ही मिलेगा वहा पापा का प्यार ,


भी से मत करो मुझे पराया .............


मत भेजो ना सासरिया...............


पापा काहे की जल्दी हें आपको ,


अभी तो मुझे और पढ़ना हें ,


में भी आपका नाम रोशन करुँगी ,


बाबुल मत करो अभी से पराया ...........


बाबुल तेरा अंगना ............. छूटे ना ..............


नही करो .......... नही करो ना ............ माँ

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