
सर्दी की इस गुनगुनी धूप में ,
आज सूरज का एक अलग ही अंदाज नजर आ रहा हें
सब धूप की तरफ दोड़ रहे हें
सूरज देवता भी कम नही हें,
कभी निकलते हें और
कभी बादलो में अपने आप को छिपा late हें ,
जेसे इंसान रंग बदलता हे वैस ही ,
तो फ़िर सूरज देवता कहा पीछे रहने में हें भला ................
सर्दी की इस गुनगुनी धूप में ,
ReplyDeleteआज सूरज का एक अलग ही अंदाज नजर आ रहा हें
Bahut sundar drishya aur usase bhi sundar aapki kavita....
Regards...
bahut sahi...
ReplyDeleteसुंदर भाव पूर्ण लिखा है आपने
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