Tuesday 20 January, 2009

गुनगुनी धूप..............


सर्दी की इस गुनगुनी धूप में ,
आज सूरज का एक अलग ही अंदाज नजर आ रहा हें

सब धूप की तरफ दोड़ रहे हें

सूरज देवता भी कम नही हें,

कभी निकलते हें और

कभी बादलो में अपने आप को छिपा late हें ,

जेसे इंसान रंग बदलता हे वैस ही ,
तो फ़िर सूरज देवता कहा पीछे रहने में हें भला ................

3 comments:

  1. सर्दी की इस गुनगुनी धूप में ,

    आज सूरज का एक अलग ही अंदाज नजर आ रहा हें

    Bahut sundar drishya aur usase bhi sundar aapki kavita....

    Regards...

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  2. सुंदर भाव पूर्ण लिखा है आपने

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